Friday 27 September 2024

बॉडी मसाज ऑइल-कुछ अनुभूत प्रयोग- १

 

जिंदगी में रिसर्च एक मौलिक तत्व है, जो होना चाहिए, दिखना चाहिए ,उसका इस्तेमाल अपनी जिंदगी के उत्तरोत्तर सुधार के लिए किया जाना चाहिए। मैंने इस बात को ज्यादा जाना, परखा और शिद्दत से महसूस किया जब मैंने अपने जॉब से रिटायरमेंट ले लिया। मुझे लगा कि जिंदगी तो बस एक ढर्रे में चल रही थी, वही ऑफिस, वही ट्रेनिंग, वही घिसे पिटे लेक्चर्स।  कोई भी नयापन नहीं। रिटायरमेंट के बाद जड़ी बूटियों के प्रति उत्सुकता ने एक नए प्रयोग के लिए प्रेरित किया और वो था बाबूजी के मालिश के तेल पर और शोध करना। बाबूजी अक्सर एक तेल घर पर बनाते थे जिसमे ढेरों जड़ीबूटिओं को मिलाकर तेल को धूप  में कई दिनों तक पकाया जाता था।  उसी तेल से नहाने के पहले हम सब बच्चों की मालिश होती थी। और ये सिलसिला तब तक चला जब तक बाबूजी रहे। मैंने उनके फॉर्मूले में बदलाव किये। सरसों के तेल की जगह ओलिव आयल और बादाम का तेल लिया और बहुत खोजबीन कर 29 जड़ी बूटियाँ चुनी। बनाने का तरीका भी बिलकुल आयुर्वेद सम्मत, जिसमे भावना देना, शुध्दि करना, शोधन करना इत्यादि शामिल है। बनाने के बाद पहला प्रयोग खुद करके देखा की इसका असर शरीर पर किस तरह होता है। फिर इसे परिवार के अन्य सदस्यों ने इसके इस्तेमाल पर अपने अनुभव शेयर किया। फिर इसे फॅमिली के क़रीबी लोगों के साथ शेयर किया।  इसके बहुत उत्साह जनक नतीज़े मिले। ये घटना 04 वर्ष पुरानी है। धीरे धीरे क़्वालिटी इम्प्रूवमेंट होता रहा। और आज मसाज़ का तेल हर तरीके से जांचा परखा प्रोडक्ट है। इसे कभी भी बाज़ार में नहीं उतरा गया न ही ऐसी कोई कल्पना है। कारण , एक तो बनाने की प्रक्रिया बड़ी कठिन है।  दूसरे एक बैच में 02 लीटर आयल ही बनता है।  यह अनुभव किया की बड़ा बैच बनाने से क़्वालिटी पर असर आ जाता है। आज तक 24 से ज्यादा बैच बन चुके हैं और केवल उन्हें ही उपलब्ध कराते हैं जो इसका नियमित इस्तेमाल करते हैं। है। इसका 35 लोगों पर लगातार 02 वर्षों तक इस तेल के उपयोग का निरीक्षण किया गया और यह पाया कि यह तेल जोड़ों के दर्द, ऐंठन, मांसपेशियों की जकड़न, घुटने, कमर और पीठ के दर्द में अचूक कारगर है। घुटने के दर्द में इसके प्रयोग के अचूक परिणाम मिले हैं।  पूरे शरीर में लगातार मालिश विशेषकर गर्दन, रीढ़ की हड्डी और हाथ पैर के तलुओं में तेल को रगड़कर सुखाने से शरीर में खून के दौड़ान बढ़ जाती है। मसल्स शैथिल्य की स्थिति में इसकी नियमित मालिश से मांसपेशियाँ मजबूत हो जाती हैं। नाभि में इसके प्रयोग से चेहरे की कांति बढ़ती है। नाक में एक बूंद डालकर रखने से बंद नाक खुल जाती है। गर्भिणी महिलाओं और बच्चों में मालिश के लिए यह तेल बहुत मुफ़ीद है। 




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