1.
शाम के पांच बजे के बाद कार्बोहाइड्रेट लेना चाहिए या नहीं? यदि वजन पर नियंत्रण रखना चाहती हैं तो पांच नहीं सात बजे केबाद ऐसी चीजें
खाने से बचें, जिनमें कार्बोहाइड्रेड होता है। रात के समय
हमेशा ऐसी चीजें ही खाएं जो आसानी से पच जाएं।
2.
केला और सेब लौह तत्वों से भरपूर हैं। इसलिए वह कटने के बाद भूरे हो
जाते हैं।
यह गलतफहमी है। भूरा होने की वजह आयरन नहीं एंजाइम हैं। रंग गहराने के पीछे फलों में मौजूद फिनॉलिक कंपाउंड का ऑक्सीडेशन हैं, ये कंपाउंड हवा में तैरती ऑक्सीजन के संपर्क में आने से रंग बदलते हैं।
यह गलतफहमी है। भूरा होने की वजह आयरन नहीं एंजाइम हैं। रंग गहराने के पीछे फलों में मौजूद फिनॉलिक कंपाउंड का ऑक्सीडेशन हैं, ये कंपाउंड हवा में तैरती ऑक्सीजन के संपर्क में आने से रंग बदलते हैं।
3.
दूध और उससे बने उत्पाद बचपन बीत जाने के बाद उपयोगी नहीं। दूध और
दूध से बने उत्पादों में केवल प्रोटीन ही नहीं आवश्यक एमिनो एसिड, फैटी एसिड तथा कैल्शियम के साथ विटमिन ए, डी तथा
मैग्नीशियम, फास्फोरस व पोटेशियम भी होता है। दूध अवश्य लें भले
ही वह लो फैट हो।
4.
खाने में डाले गए नमक से ज्यादा नुकसानदेह है, ऊपर से नमक डालना? नमक तैयार खाने में पहले से डाला
गया हो या ऊपर से मिलाया गया, उसमें मौजूद सोडियम एक समान होता
है।
5.
आयरन का बेहतर स्त्रोत होने के कारण पालक ही रक्त की कमी से बचाता है।
बहुत सी पत्तेदार सब्जियों में भरपूर आयरन होता है जैसे ब्रॉक्ली में 40 मि.ग्र.,चौलाई-20 मि.ग्र., सरसों में 16-3 मि.ग्र., गाजर की पत्तियों में 18 मि.ग्र. आयरन होता है जबकि पालक में 1.1 मि.ग्र. होता है।
बहुत सी पत्तेदार सब्जियों में भरपूर आयरन होता है जैसे ब्रॉक्ली में 40 मि.ग्र.,चौलाई-20 मि.ग्र., सरसों में 16-3 मि.ग्र., गाजर की पत्तियों में 18 मि.ग्र. आयरन होता है जबकि पालक में 1.1 मि.ग्र. होता है।
6.
सूजी अनाज नहीं है? सूजी मैदा का दानेदार रूप
है। इसमें पोषक तत्वों की मात्रा पॉलिश चावल और मैदे के समान होती है।
7.
शुगर फ्री उत्पाद हेल्दी होते हैं। आमतौर पर लोग अकसर शुगर फ्री
उत्पादों को लो कैलरी मान डायबिटीज और वजन नियंत्रण केलिए उपयोगी समझते हैं। परंतु
ये शुगर फ्री उत्पाद अनेक अनदेखे शुगर स्त्रोतों से युक्त होते हैं। इनका अधिक
सेवन स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालता है।
8.
अंडों में कोलेस्ट्रॉल अधिक होता है इसलिए इसे नहीं खाना चाहिए। एक
अंडे में 215 मि.ग्रा. कोलेस्ट्रॉल होता है, अकेले एक अंडे की जर्दी में 300 मि.ग्रा. कोलेस्ट्रॉल
होता है, लेकिन अंडे में अन्य पौष्टिक तत्वों की बहुलता है।
हाल ही में हुई रिसर्च से पता चला कि जो लोग एक अंडा प्रतिदिन खाते हैं उन्हें
अंडा न खाने वालों की तुलना में हृदय रोग का खतरा कम होता है।
9.
उपवास रखने से शरीर के टॉक्सिन बाहर निकलते हैं। उपवास संतुलित भोजन
और अधिक कैलरीज पर नियंत्रण रखता है, लेकिन इस दौरान रिच
डाइट, फल, जूस, अधिक
मेवे आदि लेने से इसका उलटा भी हो सकता है।
10.
चीनी खाने से डायबिटीज होती है। यह सोच कि चीनी न खाने पर डायबिटीज
नहीं होगी, गलत है। स्टार्च, फैट,
प्रोटीन और चीनी जैसे अधिक कैलरी वाले खाद्य शरीर में इंसुलिन की
मात्रा बढ़ाकर डायबिटीज को जन्म देते हैं। जब शरीर कार्बोहाइड्रेट को पचाने में
अक्षम हो तभी डायबिटीज होती है।
11.
शहद जैसे प्राकृतिक पदार्थ शुगर का विकल्प हैं। बहुत से लोग सोचते
हैं कि ये शुगर फ्री तथा कम कैलरी वाले प्राकृतिक स्त्रोत हैं तथा इन्हें रिफाइन
भी नहीं किया जाता इसलिए ये नुकसानदेह नहीं। लेकिन 1 चम्मच
शहद में 65 कैलरी तथा एक चम्मच शुगर में 46 कैलरी होती है। ग्लाइस्मिक इंडेक्स भी शहद में 87 तथा
शुगर में 59 होता है।
12.
बिना नमक का खाना तेजी से वजन कम करता है। याद रखें कि पहले तो
सोडियम केन रहने पर पानी कम होता है न कि फैट। नर्वस सिस्टम सही ढंग से काम करे,
इसके लिए भी सोडियम जरूरी होता है। इसका लेवल डिप्रेशन, स्वभाव परिवर्तन और कमजोरी का कारण होता है।
13.
शुगर मूड को प्रभावित करती है। इंसानी दिमाग ऊर्जा के लिए पूरे तौर
पर ब्लड शुगर (ग्लूकोज) पर निर्भर रहता है। इसकी कमी से हाइपोग्लीमिया का दौरा तथा
कमजोरी, डिप्रेशन, दिमागी गड़बडि़यां
हो सकती हैं।
14.
रात में मेटाबॉलिज्म सिस्टम धीमा होता है। इसलिए भारी नाश्ता करना
चाहिए। सुबह का नाश्ता दिन भर की ऊर्जा के लिए बेहद जरूरी है, लेकिन इसके लिए भारी की जरूरत नहीं। आप केले या दूध से भी काम चला सकती
हैं।
15.
मछली खाने के बाद दूध नहीं पीना चाहिए। ऐसा हमेशा नहीं होता। लेकिन
कुछ स्थितियों में इसे मान लेना बेहतर होता है।
16.
बिना शुगर के फलों के जूस प्राकृतिक व शुगर फ्री होते हैं। ये लो
कैलरी जरूर होते हैं, लेकिन इसमें फ्रुकटोस होने के कारण
शुगर फ्री नहीं होते।
17.
रात को खीरा नहीं खाना चाहिए। ऐसा कुछ नहीं है, इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
18.
खाली पेट नाश्ते में फल नहीं खाने चाहिए। खा सकते हैं। इसमें कोई
हर्ज नहीं।
19.रात को दही नहीं खानी चाहिए। विज्ञान इसे नहीं मानता।
20.
नीबू-पानी पीने से क्या हड्डियों में दर्द होता है। आम तौर पर ऐसा
नहीं होता, हो सकता है किसी को विटमिन सी माफिक नहीं आता।
21.
गर्भावस्था में पपीता, अनन्नास नहीं खाने
चाहिए। बेबुनियाद बात है। पौष्टिक और सुपाच्य होने के कारण डॉक्टर इसे खाने की
सलाह देते हैं।
22.
एसिड वाले तथा नमकीन खाद्य एल्युमिनियम के बरतन में रखें। टमेटो सॉस,
सांभर तथा चटनी जैसे सिट्रस खाद्य एल्युमिनियम के बरतन में रखने से
वह एल्युमिनियम सोख लेता है।
23.
खाना लोहे के बरतन में न पकाएं। भारत जैसे देश में जहां एनीमिया एक
आम रोग है, वहां ऐसा करना लाभकारी होगा। आयरन कंटेनर में
पास्ता सॉस बनाने पर पाया गया कि इसमें आयरन 300 प्रतिशत तक
बढ़ा।
24.
नॉन स्टिक बर्तनों में खाना बनाना सुरक्षित है। टेफलॉन कोटेड नॉन
स्टिक कुक वेयर के अनेक फायदे हैं। इसमें खाना पकाने में तेल कम लगता है और इनको
साफ करना भी आसान होता है। लेकिन स्क्रैच पड़ जाने पर यह सेहत के लिए नुकसानदेह हो
सकते हैं।
25.
मारजरीन मक्खन से बेहतर होता है। मारजरीन हाइड्रोजन की उपस्थिति में
हीट और प्रेशर से वेजटेबल ऑयल से बनाया जाता है। इसमें ट्रांस फैटी एसिड खराब
कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता तथा अच्छे कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। मक्खन से खराब
कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता। एक चम्मच मक्खन में केवल 15 मि.ग्रा.
कोलेस्ट्रॉल होता है। मक्खन में कीमती मिनरल, विटामिन और
अमीनो एसिड होते हैं जो मार्जिन में नहीं होते।
26.
देसी घी खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकर होता है। कोलेस्ट्रॉल और
सैचुरेटेड फैट का डर अकसर लोगों को देसी घी से दूर कर देता है। सच यह है कि देसी
घी में 65 प्रतिशत सैचुरेटेड और 32 मोनोअनसैचुरेटेड
फै टी एसिड होता है। इसमें ऑलिव ऑयल के समान गुण होते हैं।
27.
शहद बच्चों के लिए फायदेमंद होता है। शहद बैक्टीरिया फ्रेंडली होता
है। इसलिए रॉ शहद बच्चों को नहीं देना चाहिए। इसमें क्लॉस्टिरिडियम बॉटयुलाइनम बैक्टीरिया
के कारण कभी-कभी फूड पॉयजनिंग हो जाती है। जो गंभीर बीमारी बन बच्चों के नर्वस
सिस्टम पर बुरा असर डालती है।
28.
रिफाइंड ऑयल दिल और सेहत दोनों के लिए अच्छा होता है। रिफाइनिंग के
दौरान तेज तापमान से आवश्यक फैटी एसिड, प्राकृतिक विटमिन
जैसे विटमिन ई और एंटीऑक्सीडेंट तत्व नष्ट हो जाते हैं। ऐसे में ये नुकसानदेह हो
हृदय रोग के खतरे को बढ़ाते हैं।
29.
तरल पदार्थ ज्यादा समय के लिए माइक्रोवेव में न गर्म करें। ज्यादा
गरम करने से तरल उबलने पर बाहर गिर नुकसान पहुंचा सकता है।
30.
मेवे में कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होता है। नए शोध बताते हैं कि मेवे के
बराबर फायदेमंद अन्य कोई खाद्य नहीं। ये न केवल कोलेस्ट्रॉल फ्री होते हैं बल्कि कोलेस्ट्रॉल
को कम भी करते हैं। 20-30 ग्राम मेवे हर रोज खाने से वजन पर
नियंत्रण व कईबीमारियों से सुरक्षा मिलती है।
31.
खाना खाने के एक घंटे के अंदर स्विमिंग करना गलत है। पहले ऐसा माना
जाता था कि खाने के बाद स्विमिंग करने से पेट में क्रैंप्स पड़ते हैं, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। कई तैराक स्विमिंग के दौरान भी
खाते-पीते रहते हैं।
32.
जिनके बाल ऑयली हों उन्हें ज्यादा तेल, घी
युक्त भोजन नहीं करना चाहिए। बहुत ज्यादा वसायुक्त खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं
होता। लेकिन बालों पर इसका कोई असर नहीं होता।
33.
फ्रेश ऑरेंज जूस फ्रोजन ऑरेंज जूस से बेहतर होता है। यह केवल
भ्रांति ही है। शोधकर्ताओं का मानना है कि फ्रोजन ऑरेंज जूस में ताजे ऑरेंज जूस की
तुलना में विटमिन सी भरपूर होता है। इतना ही नहीं फ्रोजन होने के कारण इसमें
विटमिन की उम्र भी बढ़ जाती है। क्योंकि विटमिन सी बहुत आसानी से नष्ट हो जाता है
जबकि प्रोसेस करने पर यह देर तक टिका रहता है।
34.
लीवर (कलेजी) बेहद पौष्टिक है। लीवर में बहुत से मिनरल और विटमिन
होते हैं, लेकिन इसमें वसा व कोलेस्ट्रॉल भी भरपूर होता है।
35.
हैंगओवर हो तो दही खिलाना चाहिए। नशा उतारने के लिए नीबू पानी
पिलाएं।
36.
लैटयूस के पत्ते खाने से स्लिम होते हैं। लैट्यूस के पत्तों में
भरपूर कैलरीज होती हैं। फिर भी लैटयूस सॉस में बहुत वसा होने के कारण इसे ज्यादा
नहीं खाना चाहिए।
37.
रसोई का चॉपिंग बोर्ड लकड़ी का होना स्वास्थ्य के लिए हानिकर होता
है। बशर्ते सफाई का पूरा ध्यान रखें। बायोलॉजिस्ट मानते हैं कि लकड़ी का बोर्ड
चॉपिंग के लिए ठीक रहता है लेकिन उसे अच्छी तरह साफ़ न करने से उसमे कई रोगाणुओं के
घर बन जाते हैं ।
38.
प्रोसेस्ड फूड खाने से रॉ फूड खाना ज्यादा अच्छा है। ऐसा नहीं है,
कुछ चीजों को कच्चा खाना नुकसानदेह है।
हालांकि आधुनिक जीवनशैली में प्रोसेस्ड या रिफाइंड खाद्य पदार्थो से बच पाना कठिन
है, लेकिन स्वस्थ रहने के लिए इनसे दूरी बनाए रखें। इनमें
सैच्युरेटेड और हाइड्रोजेनेटेड फैट्स, साल्ट, शुगर और प्रिजर्वेटिव अधिक होता है।
39.
जो खाद्य देखने और सूंघने में प्राकृतिक लगते हैं वे सुरक्षित होते
हैं। ऐसा हमेशा नहीं होता। कई बार बहुत से बैक्टीरिया बाहरी तौर पर कोई बदलाव नहीं
दिखाते। संदेह होने पर खतरा मोल न लें।
40.
रोज एक सेब खाने से रोगों को अपने से दूर रख सकते हैं। इसमें संदेह
नहीं कि सेब बेहतरीन फल है, लेकिन इसमें बहुत ज्यादा विटमिन
नहीं होते।
41.
वजन नियंत्रण के लिए खाने में केवल फलों पर निर्भर रहना ठीक होता
है। यह ठीक नहीं होगा। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार जरूरी है। फलों के
अलावा जो अतिरिक्त पोषण हमें अन्य खाद्यों से मिलता है, वह
भी जरूरी है।
42.
मोनोडाइट यानी एक ही प्रकार के खाने पर जोर देना चाहिए। सीमित खाना
सेहत केलिए अच्छा रहता है। यदि फल खा रही हैं तो फल खाएं। दूसरे समय में सैलेड और वेजटेबल
खाएं और अन्य समय में दालें और चपाती खाएं।
43.
किसी फल या सब्जी की जगह उसका सप्लीमेंट लें। इस गलतफहमी में न
रहें। फल और सब्जियों में अपने फाइटोकेमिकल्स होते हैं। जैसे ब्रॉक्ली में अकेले
ही 10,000 फाइटोकेमिकल्स होते हैं। फाइटोकेमिकल्स के
सुरक्षित माघ्यम प्राकृतिक खाद्य होते हैं, न कि सप्लीमेंट।
44.
कुछ वंशानुगत कारणों से ईटिंग डिसऑर्डर होता है। हो सकता है आप अपने
किसी नजदीकी रिश्तेदार के ईटिंग डिसऑर्डर की वजह से खुद भी इसके शिकार हों। इसमें
केवल खान-पान की समस्या ही नहीं स्वभाव और व्यवहारगत दिक्कतें भी हो सकती हैं।
45.
कॉफी का सेवन ब्लड प्रेशर बढ़ाता है। यह विवादास्पद विषय है,
इस पर अभी भी शोध चल रहा है। शोधकर्ताओं का कहना है किएक दिन में
चार कप से अधिक कॉफी पीने से रक्तचाप थोड़ा बढ़ जाता है।
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